अकथनीय है हस्ती उनकी, जो पथ प्रदर्शक भारत बना गए! गूंजे इन्ही गलियारों मे गान उनके, अकथनीय है हस्ती उनकी, जो पथ प्रदर्शक भारत बना गए! गूंजे इन्ही गलियारों मे ...
सिद्धार्थ से बुद्ध की आत्मा के परमात्मा का यथार्थ सत्यार्थ।। सिद्धार्थ से बुद्ध की आत्मा के परमात्मा का यथार्थ सत्यार्थ।।
बता औकात कि तू क्या-क्या था, नामर्द भेड़िया या खूंखार दरिंदा था बता औकात कि तू क्या-क्या था, नामर्द भेड़िया या खूंखार दरिंदा था
सृष्टि को सृजित कर जाती, कुछ शब्दों में, कैसे तोलू, नपे- तुले शब्दों में, कैसे बोल सृष्टि को सृजित कर जाती, कुछ शब्दों में, कैसे तोलू, नपे- तुले शब्दों मे...
अपने मन के डर को सूली पर टांगे लोग भाग रहे हैं बेतहाशा। अपने मन के डर को सूली पर टांगे लोग भाग रहे हैं बेतहाशा।